Beautiful Narazgi Shayari in Hindi Heartfelt Poetry in 2025

Beautiful Narazgi Shayari in Hindi: Heartfelt Poetry in 2025

Narazgi is one of love’s most complex emotions. it’s not anger, it’s not hatred, it’s that delicate feeling when your heart is hurt but still beats for the same person who caused the pain. There’s something beautifully tragic about Narazgi. It’s love wrapped in disappointment, hope mixed with hurt and the desperate desire to be understood by someone who matters most to you. Narazgi Shayari in Hindi gives voice to these complex emotions that dance between love and pain. From dard narazgi shayari that captures the ache of a wounded heart, to tender verses about being naraz in love, these poems become the bridge between hurt feelings and healing. 

In this deeply emotional collection, you’ll find beautiful naraj shayari that expresses the silent suffering of upset hearts, touching poetry that validates your feelings and healing words that remind you even in narazgi, love finds a way to survive.

Narazgi Shayari in Hindi

Narazgi Shayari in Hindi
Narazgi Shayari in Hindi

नाराज़गी तेरी नज़रों में दिखती है,
मेरे दिल को चोट पहुँचाती है।

तुम्हारी बातों में खिंचाव सा है,
मेरे दिल को दर्द पहुँचाता है।

ना जाने किस बात पे आप नाराज है हमसे
ख्वाबों मे भी मिलते है तो बात नही करते!

या वो थे ख़फ़ा हम से या हम हैं ख़फ़ा उन से
कल उन का ज़माना था आज अपना ज़माना है! 

नाराज़गी की वजह समझ नहीं आती,
तेरे बिना जिंदगी सूनी लगती है।

तुम्हारी नाराज़गी में भी एक खूबसूरती है,
लेकिन दिल को चोट पहुँचाती है।

नाराज़गी की आग में जल रहा हूँ मैं,
तेरी माफ़ी का इंतज़ार कर रहा हूँ मैं।

जहाँ नाराजगी की कद्र न हो
वहाँ नाराज होना छोड़ देना चाहिये! 

इतना तो बता जाओ ख़फ़ा होने से पहले
वो क्या करें जो तुम से ख़फ़ा हो नहीं सकते

तुम्हारी नाराज़गी से दिल दुखता है,
तेरी माफ़ी से ही दिल सुधरता है।

नाराज़गी की वजहें कई हो सकती हैं,
लेकिन तेरी माफ़ी ही मेरे दिल को ठीक कर सकती है।

तुम्हारी नाराज़गी से जिंदगी अधूरी है,
तेरी माफ़ी से ही जिंदगी पूरी है।

नाराजगी वहाँ मत रखिएगा मेरे यार
जहाँ आपको खुद बताना पड़े … आप नाराज हैं!

ग़ुस्से में भींच लेता है बाँहों में अपनी वो
क्या सोचना है फिर उसे ग़ुस्सा दिलाइए!

जहाँ नाराजगी की कद्र न हो
वहाँ नाराज होना छोड़ देना चाहिये!

नाराज हमसे खुशियाँ ही होती है
गमों के तो इतने नखरे नही होते!

इंसान की हर बात खामोशी से मान लेना
यह भी अंदाज़ होता है नाराज़गी का! 

Narazgi Door Karne Ki Shayari

तेरी खामोशी को अब और सहा नहीं जाता
आ चल के बात कर लें ये फासला रहा नहीं जाता

थोड़ा सा गिला है तो मोहब्बत भी गहरी है
माफ़ कर दे यार तू ही मेरी सारी दुनिया है

मेरी आवारगी को तुम नादानी न समझना
जुदा जो हूं मैं तुमसे…सिर्फ तुम्हारी खुशी के लिए| 

तेरा नाम था आज किसी अजनबी की जुबान पे…
बात तो जरा सी थी पर दिल ने बुरा मान लिया| 

ठुकरा दिया तूने अच्छा किया
मुझे मोहब्बत चाहिए अहसान नहीं| 

मुझे अपने किरदार पे इतना तो यकीन है की
कोई मुझे छोड़ सकता है लेकिन भूल नही सकता|

तेरी नाराज़गी मेरी दीवानगी
चल देखें किसकी उम्र ज्यादा है|

तु हर साँस के साथ याद आती है
अब तु ही बता तेरी याद को रोक दूँ या अपनी साँस को| 

मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना
कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना| 

देखो नाराज़गी मुझसे ऐसे भी जताती हैं वो
छुपाती भी कुछ नही जताती भी कुछ नही|

तुम रूठो तो तुम्हे मनाने आ जाएंगे
हम रूठे भी तो बताओ किस के भरोसे|

तेरी बात को खामोशी से मान लेना
ये भी अंदाज है मेरी नाराज़गी का| 

Teri Narazgi Shayari

Teri Narazgi Shayari
Teri Narazgi Shayari

एक नाराजगी सी है जहन में जरूर
पर मैं खफा किसी से नहीं..!!

बड़े शहर की सबसे खास बात
यहाँ हर कोई हर किसी की बात से खफा है|

अगर तेरी नाराज़गी तेरी मजबूरी है
तो रहने दे मुझे मानना नहीं जरुरी है| 

तुम से नाराज़ होने के बात मैं अपने
आप के साथ कैसे बात कर सकता हूँ|

इंसान की हर बात खामोशी से मान लेना
यह भी अंदाज़ होता है नाराज़गी का! 

किसी को मनाने से पहले यह अवश्य जान लें
कि वो तुमसे नाराज है या परेशान! 

उसकी ये मासूम अदा मुझे खूब भाति है
नाराज मुझसे होती है गुस्सा सबको दिखाती है! 

ज़िंदगी की रिहाई से नहीं
तुम्हारी नाराज़गी से डर लगता है|

तेरी नाराजगी वाजिब है दोस्त
मैं भी खुद से खुश नहीं आजकल!

बेशक मुझपे गुस्सा करने का हक़ है तुम्हे
पर नाराजगी में हमारा प्यार मत भूल जाना! 

Boyfriend / Girlfriend Love Narazgi Shayari

Boyfriend Girlfriend Love Narazgi Shayari
Boyfriend Girlfriend Love Narazgi Shayari

तेरी खामोशी ने आज फिर कुछ कह दिया
मैंने पूछा क्या हुआ उसने नजरें फेर लीं

हमारे बीच जो लफ्ज़ थे वो गुमसुम से हो गए
तेरी नाराज़गी ने जैसे दिल को चुप करा दिया

तेरी आँखों में तूफान देखकर मेरा मन घबरा रहा है
शांत कर दो मुझे अपनी मुस्कान से|

तेरी नाराज़गी ने मेरी नींदें उड़ा दी हैं
माफ़ कर देना मुझे मैं तुम्हें प्यार करता हूँ| 

तेरी यादें मुझे बार-बार सताती हैं
आ जाओ मेरी बाहों में मैं तुम्हें कभी नहीं जाने दूंगा|

हर रोज़ की बातों में अब वो बात नहीं रही
तेरी मुस्कान भी जैसे अब मेरी नहीं रही

माना कि गलती मेरी थी पर इश्क़ तो सच्चा था
तेरे बिना हर खुशी में भी कोई मज़ा ना था

चलो मान भी जा ये दूरी अच्छी नहीं लगती
तेरे बिना ये दुनिया अधूरी सी लगती

तेरी नाराज़गी ने चैन छीना मन मेरा बेचैन सा है
माफ़ कर देना मुझे मेरी जानेमन तेरा प्यार ही मेरा सहारा है|

तेरी रूठने की अदा भी कितनी प्यारी है
पर मेरा दिल नहीं सह पाता तेरी नाराज़गी| 

तेरी आँखों में नमी देखकर दिल मेरा रो रहा है|
आ जाओ मेरी बाहों में मैं तुम्हें मना रहा हूँ| 

तेरे बिना मेरा जीना मुश्किल है
आ जाओ मेरी बाहों में मैं तुम्हें प्यार से मनाऊंगा| 

तू रूठती है तो मेरी दुनियाँ अंधेरी हो जाती है
माफ़ कर देना मुझे मेरी जानेमन तेरी मुस्कान ही मेरी खुशी है|

तेरी नाराज़गी ने मेरा दिल तोड़ा है
माफ़ कर देना मुझे मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता| 

तू मेरी ज़िंदगी की खुशी है
मेरी गलती को माफ़ कर देना| 

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Dosti / Friends Narazgi Shayari

Dosti Friends Narazgi Shayari
Dosti Friends Narazgi Shayari

वादे झूठ से भी बदतर होते हैं क्योंकि आप सिर्फ उन्हें विश्वास
नहीं कराते आप उन्हें भी खोखला बना देते हैं| 

अगर नाराज़ हो रहे हो मेरी इन नादाँ हरकतों से दोस्तों बस
कुछ दिन की ही बात है फिर चला जाऊँगा तुम्हारे इस जहां से| 

मेरा दोस्त मुझसे ही कटने लगा है
जाने क्यों वह खुद में ही सिमटने लगा है| 

बहुत नाराज़ है वो और उसे हम से शिकायत है
कि इस नाराज़गी की भी शिकायत क्यूँ नहीं करते|

ज़रा सी बात पे नाराज़गी अगर है यही
तो फिर निभेगी कहाँ दोस्ती अगर है यही| 

वक़्त उनके पास भी न रहा वक़्त हमारे पास भी न रहा नाराज़गी
तो है हमारे दरम्यान पता नहीं किसने किसको क्या कहा|

एक बात बताओ ये जो तुम नाराज़ हो
तुम्हें मनाने के लिए कोन से ब्रांड की चप्पल लाऊँ|

भागे चले आते थे कभी दोस्त मनाने के लिए मुझे
मगर अब ना जाने उन्हें हमारी #Narajgi क्यों नहीं दिखती| 

जानता हूँ उस की हर नाराज़गी को मैं मगर
अपने हिस्से का भी तो कोई गिला रखता हूँ मैं| 

हम नाराज हैं दोस्तों से और मनाना तो दूर की बात है
वो वजह भी नहीं पूछ रहे| 

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Narazgi Shayari 2 Lines

तेरी नाराज़गी में भी एक दर्द है,
जो मेरे दिल को चोट पहुँचाता है।

नाराज़गी की आग में जल रहा हूँ मैं,
तेरी माफ़ी का इंतज़ार कर रहा हूँ मैं।

किसी को मनाने से पहले ये जान लेना
कि वो तुमसे नाराज है या परेशान| 

बेशक मुझपे गुस्सा करने का हक है तुम्हे
पर नाराजगी में हमारा प्यार मत भूल जाना| 

जब से तुमने रुठे को मनाना छोड़ा दिया
तब से हमने खुदा से भी नाराज होना छोड़ दिया|

तुम्हारी नाराज़गी से दिल दुखता है,
तेरी माफ़ी से ही दिल सुधरता है।

खामोशियां ही बेहतर हैं
शब्दों से लोग नाराज़ बहुत हुआ करते हैं|

कुछ नाराज़गी सिर्फ गले लगने से ही दूर होती हैं
समझने समझाने से नहीं| 

नाराज़ होते हो तो ख़याल रखना
दिल टूट जाता है तुम्हारी नाराजगी से|

किस बात पे खफा हो नाराज लग रहे हो
लगते हो जैसे हरदम ना आज लग रहे हो

नाराजगी में भी है कुछ ख़ास बातें
मोहब्बत का इज़हार होता है सबसे अलग|

कुछ रिश्ते ख़ामोशी और नाराज़गी के
चलते बच जाते है इस दुनिया में| 

चेहरे पर मुस्कान है पर दिल उदास है
तुम्हारी नाराज़ी से ये ज़िंदगी बेहाल है| 

Husband / Wife Love Narazgi Shayari

Husband Wife Love Narazgi Shayari
Husband Wife Love Narazgi Shayari

सबको खुश रखने की कोशिश करोगे
तो खुशियाँ नाराज हो जाएगी

दिखावे के चक्कर में जो फंसोगे
तो बस हार हीं हार पाओगे!

वो रिश्ता ही क्या जिसमे भरोसा ही नहीं
अब उनपर हक़ ही नहीं कैसे बताऊं!

नाराज मत हुआ करो कुछ अच्छा नहीं लगता है
तेरे हसीन चेहरे पर यह गुस्सा नहीं सजता है

हो जाती है कभी कभी गलती माफ कर दिया करो
चाहने वालों से बेदर्दी यह नुस्खा नहीं जचता है!

जो रूठ गए तुम तो हम पल भर में मना लेंगे
दूर जाओगे जो हमसे तो पास ले आएंगे

कह कर तो देखो ए-मेरी-जान हमसे तुम
तुम्हारे लिए इस जहान को भी दुश्मन बना लेंगे|

तुम्हारे जाने के बाद मेरा ये दिल घबरा रहा है
न जाने क्यों पर तुम्हें खोने का डर सता रहा है

जिंदगी की नाराजगी लगता है
मुझसे खत्म हीं नहीं होगी

वापस लौट आओ तुम ओ मेरी जान
बिना तुम्हारे अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है| 

किस बात पर खफा हो
यह जरूर बता देना!

अक्सर दिल में छुपी नाराजगी से
रिश्तों की डोर कमजोर हो जाती है!

नाराज़गी हो तो जता लेना
लेकिन नफ़रत न करना

जिसे हद से ज्यादा चाहा
वो कभी मेरी नहीं होगी!

वो शख्स कुछ नाराज़ सा था मुझ से
शायद नाराजगी के साथ अकेले घर जा रहा था

चेहरा भी कुछ खामोश सा था उसका
लेकिन शोर उसकी आंखो में नजर आ रहा था!

नाराज़गी भी है लेकिन किसको दिखाऊं
प्यार भी है लेकिन किस से जताऊँ

चाहत किसी और हो जाएं तो बता देना
बस बेवफाई न करना!

Narazgi Dard / Sad Shayari

जैसे मैं तुम्हारी हर नाराजगी समझता हूं
काश वैसे हीतुम मेरी सिर्फ एक मजबूरी समझते|

एक नाराज़गी सी है जहन में जरुर
पर मैं खफ़ा किसी से नहीं| 

आज मौसम भी कमबख्त खुशमिज़ाज है
क्या करे अब हमारा यार थोड़ा नाराज है!

हमें नहीं भाता तेरा किसी और को ताकना
फक़त नाराज़गी भी रखिए तो सिर्फ हमसे| 

मुद्दतों से था जो नाराज़ मुझसे
आज वही मुझसे मेरी नाराजगी की वजह पूछता है|

आज कुछ लिख नही पा रहा
शायद कलम को मुझसे नाराजगी है! 

नाराज़गी जायज़ है तुमसे
मगर नफ़रत मुमकिन नही| 

देखो नाराज़गी मुझसे ऐसे भी जताती हैं वो
छुपाती भी कुछ नही जताती भी कुछ नही|

तेरी बात को खामोशी से मान लेना
ये भी अंदाज़ है मेरी नाराज़गी का! 

यूँ तो हम रोज तुम्हे याद करते है
दौर नाराजगी का ख़त्म हो फिर बात करते है|

Conclusion

Narazgi may feel like a storm in the heart, but through these beautiful Hindi shayari, we’ve discovered that even in our upset moments, love remains the strongest force of all. These verses remind us that feeling naraz is not a sign of weakness – it’s proof that we care deeply, love genuinely and expect better from those who matter most to us. The beauty of narazgi lies in its temporary nature like monsoon clouds that bring necessary rain before revealing the sunshine.Don’t let narazgi poison your heart or destroy precious relationships. Use these powerful Narazgi Shayari in Hindi to express your feelings, then find the courage to communicate openly with those you love. Remember, life is too short to stay upset with people who genuinely care about you. Let these verses be the first step toward healing, forgiveness, and rediscovering the joy of loving without conditions.

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